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14.पद्मश्री वारियर
आंध्रप्रदेश की विजयवाड़ा में जन्मी पद्मश्री वारियर अमेरिका के पुरुष प्रधान सिलिकन वैली की बेहद सफल महिला सीईओ में गिनी जाती हैं। 2018 में फोर्ब्स मैग्जीन ने उन्हें तकनीक जगत में अमेरिका की सबसे प्रभावशाली 50 महिलाओं में शुमार किया। मोटरोला और सिस्को (Cisco) के सीनियर एक्जीक्यूटिव पदों पर काम कर चुकी पद्मश्री चाइनीज वाहन निर्माता कंपनी NIO US की सीईओ रह चुकी हैं। 2005 में ईकोनॉमिक टाइम्स ने उन्हें 11वां सबसे प्रभावशाली ग्लोबल इंडियन कहा था।
15.राघव केके
1980 बेंगलुरु में जन्मे राघव जानेमाने युवा कलाकार हैं। 18 साल की उम्र में कार्टूनिस्ट की तौर पर अपनी कला का सफर शुरू करने वाले इस ‘कॉलेज ड्रॉप-आउट’ की कला का विस्तार पेंटिंग, मल्टीमीडिया, फिल्म, परफॉर्मेंस-आर्ट आदि कई विधाओं तक है। उनका कार्य क्षेत्र न्यूयॉर्क और बंगलुरू के बीच फैला है। सीएनएन ने उन्हें दुनिया के ऐसे 10 सर्वोच्च प्रतिभाशाली लोगों की सूची में शुमार किया है जिनके बारे में दुनिया बहुत कम जान पाई है। राघव को प्रतिष्ठित TED कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने का अवसर भी मिला है। राघव कहते हैं, ‘दूसरे अधिकांश कलाकारों की तरह मैं बैठकर कला की कल्पना नहीं करता, मैं उसे जीता हूं!’
16.प्रीती पटेल
शायद बहुतों की कल्पना से परे होगी यह बात कि इंगलैंड का गृह मंत्री कोई भारतीय मूल का व्यक्ति हो! जी हां, प्रीति पटेल भारतीय मूल की ब्रिटिश राजनेता और ब्रिटेन की मौजूदा गृह मंत्री हैं। लंदन में 1972 में जन्मी प्रीति पटेल के गुजराती माता-पिता पहले युगांडा में थे और वहां तनाशाह ईदी अमीन के सत्ता में आने के बाद 1960 के दशक में उन्हें ब्रिटेन पलायन करना पड़ा। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री मार्गेट थैचर से प्रभावित प्रीती ने 1997 में कंजर्वेटिव पार्टी की सदस्यता ली और 2005 में नटिंघम नॉर्थ से चुनाव जीत कर सांसद बनीं।
17.आलोक शर्मा
आलोक शर्मा अभी ब्रिटेन के मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन के मंत्रिमंडल में अंतर्राष्ट्रीय विकास राज्य मंत्री नियुक्त किए गए। उनका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था। 2010 में वह कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद चुने गए और तब से लेकर अब तक विभिन्न प्रधानमंत्रियों के साथ ऊंचे एग्जीक्यूटिव पदों पर काम करते रहे हैं।
18.ऋषि सुनक
ऋषि सुनक प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन के मंत्रिमंडल में ट्रेजरी विभाग के मंत्री हैं। 2015 में रिचमंड से कंजर्वेटिव सांसद बनकर वे ब्रिटेन की सक्रिय राजनीति में शामिल हुए। 1980 में हैंपशायर इंगलैंड में जन्मे भारतीय मूल के ऋषि इनफोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद भी हैं।
19.दीपक सी. जैन
1957 में असम के तेजपुर में जन्मे दीपक वित्त और मार्केटिंग जगत की एक दिग्गज अंतराष्ट्रीय हस्ती हैं। थाइलैंड के बैंकाक स्थित सैसिन ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनस एडमिनिस्ट्रेशन चुलालोंकोम के डीन, अंतर्राष्ट्रीय फ्रेंच मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट INSEAD में मार्केटिंग के चेयर्ड प्रोफेसर, अमेरिका के केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के डीन के रूप में कई प्रतिष्ठित संस्थानों में काम कर चुके श्री दीपक अभी चाइना यूरोप इंटरनेशनल बिजनस स्कूल के सह-अध्यक्ष और ग्लोबल एडवाइजर हैं।
20.पान नलिन
पान नलिन के नाम से मशहूर नलिन कुमार पांडे अनेक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित जाने-माने फिल्मकार हैं। उनका जन्म गुजरात के एक छोटे से गांव में हुआ था। ‘संसार’, ‘आयुर्वेद: आर्ट ऑफ बीईंग’, ‘वैली ऑफ फ्लावर’ उनके निर्देशन में बनी कुछ अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की नामचीन फिल्में हैं। उनकी डेब्यू फिल्म ‘संसार’ को अमेरिकन फिल्म इंस्टीट्यूट के AFI फेस्ट में ‘ग्रैंड ज्यूरी प्राइज : स्पेशल मेंशन’ अवार्ड से नवाजा गया।
21.रोहिंटन मिस्त्री
1952 में मुंबई में जन्मे अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त साहित्यकार रोहिंटन मिस्त्री कनाडा में रहते हैं। सेंटजेवियर्स कॉलेज से उन्होंने मैथ्स और ईकोनॉमिक्स में बीए किया, फिर 1975 में कनाडा चले गए और दुबारा टोरंटो यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी और फिलॉसफी विषयों में डिग्री हासिल की। शुरुआती दौर में कनाडा के पत्र-पत्रिकाओं में उनकी कहानियों के छपने और पुरस्कृत होने के बाद पहली बार पेंगुइन से उनकी 11 छोटी कहानियों का संग्रह – “11 शॉर्ट स्टोरीज: टेल्स फ्रॉम फिरोजशा बाग” आया। ‘Such a long Journey’, ‘Family Matters’, ‘Fine balance’ उनके कुछ प्रमुख उपन्यास हैं। उनका नाम मैन बुकर प्राइज के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया।
22.अंशुमान जैन
1963 में जयपुर में जन्मे अंशुमान उर्फ अंशु जैन ने दुनिया की कई दिग्गज कंपनियों में काम किया और अपनी काबिलियत से प्रबंधन के ऊंचे पदों तक पहुंचे। 2012 में प्रतिष्ठित Deutsche Bank के ‘को-सीईओ’ नियुक्त हुए। अभी वे जाने-माने अमेरिकी वित्तीय सेवा फर्म Cantor Fitzgerald के अध्यक्ष हैं।
23.अजित जैन
1951 में उड़ीसा में जन्मे अजित अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी बर्कशायर हैथवे में इंश्योरेंस ऑपरेशंस के वाइस-चेयरमैन हैं। उन्होंने आईआईटी कानपुर से मेकैनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। करियर के शुराआती दौर में IBM में काम किया फिर हॉर्वर्ड से एमबीए करने के बाद McKinsey & Co. में शामिल हुए। इन दिनों में अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहते हैं।
24.नरिंदर सिंंह कपानी
बहुत कम लोगों को पता है कि आधुनिक संचार व्यवस्था जिस फाइबर ऑप्टिक्स पर टिकी रही है उसके आविष्कार का श्रेय एक आप्रवासी भारतीय को जाता है। जी हां, नरिंदर सिंह कपानी को फाइबर ऑप्टिक्स का जन्मदाता माना जाता है। वे अभी ब्रिटिश नागरिक हैं। उनका जन्म 1926 में पंजाब के मोगा में हुआ था। उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से कॉलेज की शुरुआती पढ़ाई की और बाद में आगे की पढ़ाई के 1952 में इंपीरियल कॉलेज, लंदन गए। इससे पहले वे भारत सरकार के हथियार निर्माता संगठन ऑर्डनैंस फैक्ट्रीज सर्विस में अधिकारी रहे।
25.विनोद खोसला
1955 में भारत में पैदा हुए विनोद खोसला आज सफल अरबपति अमेरिकी उद्यमी हैं। आईआईटी दिल्ली के छात्र रहे श्री खोसला ने अमेरिका में ‘खोसला वेंचर्स’ नामक निवेश कंपनी (वेंचर कैपिटल फर्म) खड़ी की और जानी-मानी अमेरिकी कंप्यूटर कंपनी सन-माइक्रोसिस्टम के सह-संस्थापक रहे। सन-माइक्रोसिस्टम वह कंपनी है जिसने ‘जावा प्रोग्रमिंग लैंग्वेज’ डेवलप किया। अंतर्राष्ट्रीय मंचों से इंधन विकल्प के रूप में इथेनॉल अपनाने की उन्होंने पुरजोर वकालत की। 2014 में फोर्ब्स पत्रिका ने दुनिया के 400 सर्वोच्च अमीरों की सूची में विनोद खोसला को शामिल किया।
26.डॉ. जुलेखा दाउद
पिछले 50 साल से दुबई सहित संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आम आदमी तक चिकित्सा सेवा पहुंचाने वाली और गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. जुलेखा को यूएई में जुलेखा ‘मां’ (Mama Julekha) के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर में राजगिरी (भवन निर्माण) का काम करने वाले एक परिवार में हुआ था। उन्होंने गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज नागपुर से एमबीबीएस किया। 1964 में दुबई पहुंचने के बाद से वह लगातार आम लोगों की, खासकर महिलाओं की चिकित्सा सेवा में जुटी रही हैं। दुबई और यूएई के रुढ़िवादी समाज में महिलाओं का डॉक्टर होना और महिलाओं का अस्पताल में इलाज के लिए आना मुश्किल काम था। डॉ. जुलेखा ने यूएई में अपने डॉक्टरी करियर के दौरान घर-घर जाकर 10,000 से भी अधिक महिलाओं को प्रसव में मेडिकल सेवा उपलब्ध कराईं।
उन्होंने दुबई, शारजा और भारत के अपने गृह-नगर नागपुर में ‘जुलेखा हॉस्पिटल’ की स्थापना की और ‘जुलेखा हेल्थकेयर ग्रुप’ बनाया जिसकी वे मौजूदा अध्यक्ष हैं। दुबई में जुलेखा हॉस्पिटल लोगों को सस्ती दरों पर मेडिकल सेवा उपलब्ध कराने वाला एक बेहतरीन अस्पताल है। यूएई और भारत की सरकारों ने उन्हें अनेक सम्मानों से नवाजा है। जनवरी 2019 में भारत में राष्ट्रपति ने उन्हें 2019 का ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ प्रदान किया। <<<पिछला पेज
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