लघुकथा – महल और झोपड़ी : एक जीवन, दो रंग
दृश्य- 1 रात हुई और महल रोशनी से जगमगा उठा। नौकर-चाकर मेहमानों के स्वागत के लिए मुख्य-द्वार पर मुस्तैदी से खड़े हुए। उनके मखमली पोशाकों में लगे सोने के बटन रोशनी में जगमगा रहे थे। मेहमानों की शानदार बग्घियां प्रांगण में लाई गईं। नफीस परिधानों …