राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारी आजादी और संप्रभुता का प्रतीक है। यह देश के नागरिकों के लिए राष्ट्रीय गौरव और शान का भी प्रतीक है। यह झंडा दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व करता है। आइए इस आलेख ‘राष्ट्रध्वज/तिरंगा पर रोचक तथ्य/महत्वपूर्ण जानकारी’ में पढ़ते हैं राष्ट्रीय झंडे से जुड़ी कुछ बेहद रोचक बातें।
तिरंगा पर महत्वपूर्ण तथ्य - राष्ट्रीय झंडे के बारे में रोचक जानकारी
1#.भारतीय तिरंगे का पहला रूप वह झंडा था जिसमें लाल, पीले और हरे रंग की तीन क्षैतिज पट्टियां थीं। इस झंडे को 7 अगस्त 1906 के दिन कोलकाता के पारसी बगान चौक पर फहराया गया था।
2#.भारतीय आजादी के प्रतीक के रूप में पहली बार भीकाजी रुस्तम कामा ने 22 अगस्त, 1907 को जर्मनी में तिरंगा फहराया था। लेकिन इस तिरंगे में और भारत के राष्ट्रीय ध्वज में थोड़ा अंतर था। भिकाजी कामा के झंडे में सबसे ऊपर हरा रंग, बीच में सुनहरा केसरी और सबसे नीचे लाल रंग था। इस झंडे पर ‘वंदे मातरम’ लिखा था।
3#.भारतीय तिरंगा के मौजूदा स्वरूप को पिंगली वेंकैया ने तैयार किया। आंध्र प्रदेश के रहने वाले पिंगली स्वतंत्रता सेनानी थे।
4#.अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिलने के 3 दिन पहले 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को अंगीकार किया गया था।
5#.राष्ट्रध्वज तिरंगा मूलतः स्वराज के झंडे पर आधारित है, जिसे 1931 में अपनाया गया था। स्वराजी झंडे में भी इन्हीं तीन रंगों की पट्टियां थीं। लेकिन, उसमें अशोक चक्र की जगह पर चरखा था।
6#.1947 में प्रथम स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रध्वज प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 15 अगस्त की बजाए 16 जनवरी को फहराया था।
7#.भारतीय राष्ट्रध्वज तिरंगे का निर्माण भारत में केवल एक स्थान पर किया जाता है। वह स्थान है कर्नाटक का हुबली जहां के कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ (केकेजीएसएस) के पास राष्ट्रध्वज के निर्माण और आपूर्ति का एकमात्र अधिकार है।
राष्ट्रध्वज/तिरंगा पर रोचक तथ्य/महत्वपूर्ण जानकारी
8#.भारत मानक ब्यूरो के नियमानुसार राष्ट्रध्वज का निर्माण केवल हाथ से काते गए कपास के धागों से निर्मित खादी कपड़े से किया जाना चाहिए।
9#. फ्लैग कोड ध्वज-संहिता के मुताबिक भारतीय राष्ट्रध्वज केवल दिन के समय फहराया जा सकता है। सूर्यास्त होने से पहले ही इसे उतार कर रख लेने का नियम है।
राष्ट्रीय झंडा के रोचक तथ्य – नेशनल फ्लैग के बारे में रोचक जानकारी
10#.भारत के आम नागरिकों को (सरकारी प्रतिष्ठानों के अलावा कहीं भी) वर्ष 2002 से पहले तिरंगा फहराने का अधिकार नहीं था। यह भी नियम था कि 15 अगस्त और 26 जनवरी के अलावा राष्ट्रध्वज कभी नहीं फहराया जा सकता।
11#.नवीन जिंदल की याचिका पर सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में भारत के आम नागरिकों को अपने घरों और दफ्तरों पर तिरंगा फहराने का अधिकार दिया। फ्लैग कोड (ध्वज संहिता) का पालन करते हुए अब भारत के नागरिक किसी भी दिन राष्ट्रध्वज फहरा सकते हैं।
12#.1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के साथ भारतीय तिरंगा पहली बार अंतरिक्ष में पहुंचा था।
13#.1996 में स्क्वाड्रन लीडर संजय थापर ने एमआई-8 हेलीकॉप्टर से 10,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर तिरंगे को पहली बार उत्तरी ध्रुव पर फहराया था।
14#.23 जनवरी को 2016 को तात्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर के ऊपर दुनिया का सबसे बड़ा तिरंगा फहराया। इस विशालतम तिरंगे का आकार 99 x 66 फीट और वजन 60 केजी था। इसे 293 फीट ऊंचे फ्लैग पोस्ट पर फहराया गया जो देश में इस्तेमाल किया गया अब तक का सबसे ऊंची फ्लैग पोस्ट था। जमीन से झंडे की कुल ऊंचाई थी 493 फीट!
15#.धरती पर सबसे ऊंचे स्थान पर तिरंगा फहराने का श्रेय तेनजिंग नोर्गे को जाता है। उन्होंने 29 मई 1953 को इसे 8848 मीटर ऊंचे माउंट एवरेस्ट पर फहराया था।
16#.स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 1974 से मुख्यमंत्रियों द्वारा राज्यों में तिरंगा फहराने की परंपरा आरंभ हुई। इससे पहले सभी राज्यों में वहां के राज्यपाल तिरंगा फहराया करते थे।
Preet Kumar Singh
जय हिंद! महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद