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हिंदी पर Quotes/सुविचार-हिंदी दिवस के लिए 35 चुनिंदा कोट्स

बोलने वाले लोगों की जनसंख्या और प्रयोग क्षेत्र के लिहाज से हिंदी भारत की सबसे बड़ी भाषा है। हिंदी के महत्व को रेखांकित करने और हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिहाज केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में प्रति वर्ष 1 सितंबर से 14 सितंबर तक हिंदी पखवाड़ा मनाया जाता है। 14 दिसंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने एकमत से यह निर्यण लिया था कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा होगी। हालांकि, बाद में कई राज्यों के उग्र विरोध के चलते अंग्रेजी के साथ हिंदी को देश की राजभाषा का दर्जा देकर हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के इस निर्णय को भविष्य के लिए टाल दिया गया। 1953 से भारत में 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन केंद्रीय गृहमंत्री का संदेश प्रसारित होता है। केंद्रीय हिंदी समिति के अध्यक्ष होने के नाते प्रधानमंत्री, और राष्ट्रपति के संदेश प्रसारित किए जाते हैं। हिंदी पखवाड़े के दो सप्ताह की अवधि के दौरान केंद्र सरकार सभी कार्यालयों में विभिन्न रोचक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। हिंदी के प्रसार और विकास की समीक्षा की जाती है। हिंदी में उल्लेखनीय काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता है। आइए, इस आलेख- ‘हिंदी पर Quotes/सुविचार-हिंदी दिवस के लिए 35 चुनिंदा कोट्स’ में पढ़ते हैं हिंदी भाषा के बारे कहे गए महान हस्तियों के कुछ चुनिंदा रोचक कथन।

हिंदी पर Quotes/सुविचार-हिंदी दिवस के लिए 35 चुनिंदा कोट्स

राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूँगा है। – महात्मा गाँधी

हिंदी पर Quotes/सुविचार

“मैं महाराष्ट्री हूँ, परंतु हिंदी के विषय में मुझे उतना ही अभिमान है जितना किसी हिंदी भाषी को हो सकता है।” – माधवराव सप्रे।

हिंदी ही भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है। – वी. कृष्णस्वामी अय्यर

निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल। -भारतेंदु हरिश्चंद्र

हिंदी आम बोलचाल की ‘महाभाषा’ है। -जॉर्ज ग्रियर्सन

प्रान्तीय ईर्ष्या-द्वेष को दूर करने में जितनी सहायता इस हिंदी प्रचार से मिलेगी, उतनी दूसरी किसी चीज़ से नहीं मिल सकती। -सुभाषचंद्र बोस

हिंदी पर Quotes/सुविचार

हिंदी किसी एक प्रदेश की भाषा नहीं बल्कि देश में सर्वत्र बोली जाने वाली भाषा है। -विलियम केरी

समस्त भारतीय भाषाओं के लिए यदि कोई एक लिपि आवश्यक हो तो वह देवनागरी ही हो सकती है। – जस्टिस कृष्णस्वामी अय्यर।

हिंदी का पौधा दक्षिणवालों ने त्याग से सींचा है। – शंकरराव कप्पीकेरी

राष्ट्रभाषा हिंदी का किसी क्षेत्रीय भाषा से कोई संघर्ष नहीं है। – अनंत गोपाल शेवड़े

हमारी नागरी लिपी दुनिया की सबसे वैज्ञानिक लिपी है। -राहुल सांकृ्त्यायन

हिंदी हमारे राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्त्रोता है। -सुमित्रानंदन पंत

हिंदी के बारे में रोचक कथन

हिंदी को तुरंत शिक्षा का माध्यम बनाइये। – बेरिस कल्यएव

हिंदी के पौधे को हिंदू मुसलमान दोनों ने सींचकर बड़ा किया है। – जहूरबख्श

इस विशाल प्रदेश के हर भाग में शिक्षित-अशिक्षित, नागरिक और ग्रामीण सभी हिंदी को समझते हैं। – राहुल सांकृत्यायन

समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिंदी या हिंदुस्तानी है। -सर जार्ज ग्रियर्सन

भारत की परंपरागत राष्ट्रभाषा हिंदी है। – नलिनविलोचन शर्मा

विदेशी भाषा का किसी स्वतंत्र राष्ट्र के राजकाज और शिक्षा की भाषा होना सांस्कृतिक दासता है। – वाल्टर चेनिंग

अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। – भवानीदयाल संन्यासी

भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है। – टी. माधवराव

वही भाषा जीवित और जाग्रत रह सकती है जो जनता का ठीक-ठीक प्रतिनिधित्व कर सके। – पीर मुहम्मद मूनिस

भारतेंदु और द्विवेदी ने हिंदी की जड़ पाताल तक पहँुचा दी है; उसे उखाड़ने का जो दुस्साहस करेगा वह निश्चय ही भूकंपध्वस्त होगा। – शिवपूजन सहाय

हमारी नागरी दुनिया की सबसे अधिक वैज्ञानिक लिपि है। – राहुल सांकृत्यायन

मैं दुनिया की सभी भाषाओं की इज्जत करता हूं पर मेरे देश में हिंदी की इज्जत न हो, यह मैं सह नहीं सकता। -आचार्य विनोबा भावे

उसी दिन मेरा जीवन सफल होगा जिस दिन मैं सारे भारतवासियों के साथ शुद्ध हिंदी में वार्तालाप करूँगा। – शारदाचरण मित्र

संस्कृत मां, हिंदी गृहिणी और अंग्रेजी नौकरानी है। – डॉ. फादर कामिल बुल्के

हिंदी भाषा को भारतीय जनता तथा संपूर्ण मानवता के लिये बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सँभालना है। – सुनीतिकुमार चटर्जी

अहिंदी भाषा-भाषी प्रांतों के लोग भी सरलता से टूटी-फूटी हिंदी बोलकर अपना काम चला लेते हैं। – अनंतशयनम् आयंगार

हिंदी ही के द्वारा अखिल भारत का राष्ट्रनैतिक ऐक्य सुदृढ़ हो सकता है। – भूदेव मुखर्जी

हिंदी का शिक्षण भारत में अनिवार्य ही होगा। – सुनीतिकुमार चटर्जी

भाषा के उत्थान में एक भाषा का होना आवश्यक है। इसलिये हिंदी सबकी साझा भाषा है। – पं. कृ. रंगनाथ पिल्लयार

हिंदी भाषा का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है। – महात्मा गांधी

हिंदी जैसी सरल भाषा दूसरी नहीं है। – मौलाना हसरत मोहानी

भारत के विभिन्न प्रदेशों के बीच हिंदी प्रचार द्वारा एकता स्थापित करने वाले सच्चे भारत बंधु हैं। – अरविंद

राष्ट्रीय व्यवहार में हिंदी को काम में लाना देश की शीघ्र उन्नति के लिए आवश्यक है। – महात्मा गांधी

हिंदी स्वयं अपनी ताकत से बढ़ेगी।” – पं. नेहरू

हिंदी संस्कृत की बेटियों में सबसे अच्छी और शिरोमणि है। – ग्रियर्सन

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने में प्रांतीय भाषाओं को हानि नहीं वरन् लाभ होगा। – अनंतशयनम् आयंगार

हिंदी के बारे में और जाने-

 

 

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