वाइडएंगल ऑफ लाइफ

असफलता के 12 कारण : हम असफल क्यों होते हैं

When I was young, I observed that nine out of ten things I did were failures. So I did ten times more work.”
“जब छोटा था, मैंने गौर किया कि मेरी की हुई दस में से नौ चीजें असफल होती थीं। इसलिए, मैंने दस गुना अधिक मिहनत की”।
– जॉर्ज बर्नार्ड शॉ

दोस्तो, बात सफलता के बारे में करनी चाहिए, फिर असफलता के बारे में सोचकर फायदा क्या? ऐसे सवाल जरूर उठ रहे होंगे आपके मन में, और यह स्वाभाविक भी है।

दरअसल, हमारा स्वभाव है कि हम उन चीजों को सीधे उठा लेना चाहते हैं जिनमें हमें अपना हित दिखता है। और प्रायः यही बात हमें उस ‘शॉर्ट-कट’ की ओर ले जाती है जहां हम किसी तरह चीजें पा तो लेते हैं लेकिन उन्हें संभाल नहीं पाते।

जीवन में आपने बहुत तेज सफल होते लोग देखे होंगे और जल्द ही उन्हें परेशानियों में घिर कर असफलता की ओर गिरते भी देखा होगा। लेकिन, असफता के कारण जानने में और यह समझने में कि हम असफल क्यों होते हैं हमारी रुचि कम होती है।

आप एक गाड़ी खरीदते हैं और उसकी तकनीकी पहलुओं को जाने बिना केवल अपने ड्राइविंग कौशल के बल पर उसे लेकर निकल पड़ते हैं। रास्ते में कोई खराबी आती है और आप फंस जाते हैं, क्योंकि आपने गाड़ी की तकनीकी बनावट को नहीं जाना होता है।

एक सफल किसान केवल यह जानने तक सीमित नहीं रहता कि पेड़ की जड़ों में कौन से खाद डालने से फल अधिक मिलेंगे, बल्कि उसे उन मूल बातों को जानना प‌ड़ता है जिससे पेड़ पर फल लगने की पूरी प्रक्रिया समझ में आती है।

ऐसा ही है जब हम सफलता को पाने के लिए सीधे ‘शॉर्ट कट’ तलाशते हैं और केवल यह जानने में रुचि रखते हैं कि सफल कैसे हुआ जाए। लेकिन यह नजरिया जोखिम भरा होता है और हमें किसी टिकाऊ समाधान की ओर नहीं ले जाता।

हरे-भरे जिंदा पेड़ की जड़ में कितने ही मृत जीवों और पौधों, सड़ी-गली पत्तियों का खाद होता है। जितनी बार हम फलों से लदे पेड़ देखते हैं क्या उतनी बार हमारे जेहन में यह बात आती है? नहीं, क्योंकि आम तौर पर हमें आम खाने से मतलब होता है, एक पेड़ कैसे गुठलियों से निकलता है इसके बारे में हम सोचते भी नहीं। और इसीलिए हम दूसरे के उगाए फल तो खा सकते हैं लेकिन अपने या दूसरों के लिए फल उगा नहीं सकते।

दोस्तो, असफलता यही है जो हमें सफल होने की असली प्रकिया समझाती है और सफलता की जड़ों की तरफ ले जाती है, जहां से शुरू कर हमें वह हासिल होता है जो मजबूती से अपनी जड़ों पर टिका होता है।

जिंदगी असफलताओं से भरी होती है। हममें से बहुत कम लोग विश्वास के साथ कह सकते हैं कि ‘हां, मैं सफल हूं’। लेकिन यकीन जानिए, हर सफलता के पीछे कठिन असफलताओं की लंबी कहानी होती है, भले ही एक सफल आदमी को देखकर बाहर से बनी आपकी धारणाओं में यह शामिल न हो।

चीजों को समझने के लिए उसे नीचे से या उलटी तरफ से देखना जरूरी है। मैं इसलिए इस पर अधिक जोर डाल रहा हूं क्योंकि हम चीजों को सीधे सामने की ओर से देखने की आदत से बंधे होते हैं।

सफलता की बात करने से पहले असफलता की बात इसलिए जरूरी है क्योंकि सफलता की ओर जाने वाली हर गाड़ी को पहले असफलता की दुरूह घाटियों से होकर गुजरना पड़ता है। मतलब कि असफलता जो है वह सफलता के रास्ते का पड़ाव है, जिसे कोई भी सफल आदमी ‘बाइपास’ कर नहीं गुजर सकता।

जाहिर है, हम सबकी अपनी-अपनी जिंदगी में असफलताओं का साथ अधिक होता है। आप लोगों से पूछ कर देखिए, उनके पास गिनाने को सफलताओं की तुलना में असफलताओं की कितनी लंबी सूची होती है।

दोस्तो, जिंदगी को अपने प्रिय खेल की तरह खेलना चाहिए और असफलता की ‘रिव्यू’ उसी तरह होनी चाहिए जैसे कोई टीम मैच हारने के बाद शांति और बुद्धिमत्ता के साथ अपने हारने के कारणों की समीक्षा करती है। हार के कारणों की ऐसी समीक्षा से टीम को अगली बार जीतने के लिए जरूरी ‘डेटाबेस’ बनाने में मदद मिलती है।

नीचे असफलता के कारणों की एक सूची दी गई है। आप बिल्कुल ‘प्रैक्टिकल’ नजरिए से इन पर विचार कीजिए। आप अपनी या किसी और की असफलता का एक उदाहरण उठाकर उसके कारणों को इस सूची से मैच कराइए। गिन कर देखिए कितने कारण ‘मैच’ हुए। आप पाएंगे हर असफलता इन्हीं कारणों में से एक या अनेक कारणों से जुड़ी होती है।

तो आइए आज बस एक नजर डालते हैं असफलता के इन 12 कारणों पर–

असफलता के 12 कारण-

1. काम की स्पष्ट रूप-रेखा (clear concept) नहींं होना

2. भावनाओं में फैसला और फैसले पर जिम्मेदारी के साथ टिका नहीं रहना

3. धुन (obsession/fascination) का पक्का नहीं होना

4. असफलता को बहानों को ढकना

5. अपनी गलतियों से नहीं सीखना

6. फोकस बिखर जाने देना

7. नियमों और अनुशासन को नहीं मानना

8. अपने महत्व (आत्म सम्मान) की अवहेलना करना

9. नए कदम उठाने से डरना

10. भाग्यवादी सोच से मुक्त होकर अंदर की आवाज (intuition) नहीं सुन पाना

11. पता नहीं होना कि असल में आपको चाहिए क्या

12. अपने काम से प्यार न होना

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