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बुद्ध के कथन: महात्मा बुद्ध के 21 अनमोल वचन

महात्मा बुद्ध ने अपने ज्ञान, तप, कर्म और वचन से संपूर्ण मानवता के समक्ष ज्ञान के अखंड दिए जलाए हैंं। बुद्ध के विचार पृथ्वी पर मनुष्य जाति के अनमोल धरोहर हैं। समय-समय पर इन्हें पढ़ते रहने से अपने रोजमर्रा के जीवन की मुश्किलों से निबटने में हमेंं ऊर्जा और प्रकाश मिलता है। बुद्ध के उपदेश बड़े सरल होते हैं और सीधे हमारी समस्याओं को छूते हैं। आज से ढाई हजार साल पहले कहे गए बुद्ध के कथन आज के जटिल आधुनिक जीवन के लिए भी उतना ही प्रासंंगिक और व्यावहारिक हैंं जितना कि ढाई हजार साल पहले के समाज के लिए जिसे लक्ष्य कर उन्होंने ये उपदेश दिए थे।

महात्मा बुद्ध के वचन : महात्मा बुद्ध के 21 अनमोल विचार

महात्मा बुद्ध के कथन / बुद्ध की शिक्षा

1.“क्रोध में रहना किसी और को जलाने के उद्देश्य से जलते हुए अंगारे को अपने हाथ में पकड़े रहने के समान है, जो सबसे पहले आप को ही जलाता है”।

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2.“इच्छाओं का कभी अंत नहीं होता। आपकी एक इच्छा पूरी हुई नहीं कि दूसरी इच्छा जन्म ले लेती है”।

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3.“जिसने खुद पर नियंत्रण पा लिया उसकी जीत को देवता भी हार में बदल नहीं सकते।”

Painting courtesy : Rathin Bhowal

Buddha ke anmol vachan

4.“आपको गुस्से की सजा नहीं मिलती है, स्वयं गुस्सा ही आपकी सजा है।”

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5.“स्वास्थ्य के बिना जीवन जीवन नहीं होता, बस थकान और पीड़ा होती है- जो मृत्यु के समान है।”

6.“न अतीत की स्मृतियों में अटके रहें, न भविष्य की कल्पना में। मन को तो बस वर्तमान पर एकाग्र रखना चाहिए।”

7.“हजार युद्ध जीतने से अच्छा है खुद को जीत लेना। तब यह जीत आपकी अपनी होती है, जिसे कभी कोई आपसे छीन नहीं सकता।”

Image Courtesy: Shri Om

8.“किसी बात पर इसलिए विश्वास मत कर लेना कि उसे तुमने किताब में पढ़ी है। न इसलिए विश्वास करना कि ऐसा किसीने या मैंने कहा है। केवल तब विश्वास करना जब यह तुम्हारे तर्क और सहज बुद्धि से प्रमाणित हो जाए।”

बुद्ध के विचार

9.“वाणी की धार चाकू से भी तेज होती है जो बिना खून बहाए घाव करती है।”

10.“इन तीन बातों की चर्चा सबसे करो- ‘उदार हृदय, विनम्र वाणी और सेवा व करुणा से युक्त जीवन वे तत्व हैं जिनसे मानवता पुनर्जीवित होती है’।”

11.“ज्ञान की प्राप्ति खुद से प्रयास से ही संभव है, दूसरों पर निर्भरता व्यर्थ है।”

12.“प्रत्येक मनुष्य अपने सुख और दुःख का स्वयं जिम्मेदार होता है।”

Painting Courtesy : Akash

13.“मनुष्य जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है। मनुष्य जैसा महसूस करता है वैसी ही चीजों को वह अपनी तरफ आकर्षित करता है, और वह जैसी कल्पना करता है वैसी ही चीजों को निर्मित करता है।”

14.“सत्य के मार्ग पर मनुष्य दो ही गलतियां करता है- पहली यह, कि वह मार्ग पर आखिर तक चला नहीं; दूसरी यह, कि उसने चलने की शुरुआत नहीं की।”

गौतम बुद्ध के उपदेश

15.“ध्यान से ज्ञान प्रकट होता है। ध्यान का अभाव ही अज्ञान का कारण है।”

Image Courtesy: Nishu

16.“शांति आपके अंदर है, बाहर उसकी तलाश व्यर्थ है।”

17.“जीवित होने का अर्थ निडर होना है। तुम्हारा क्या होगा यह डर मन में न रहे, न ही किसी पर अपनी निर्भरता की बात सोचो। जिस क्षण तुम मदद की पूर्व-धारण से मुक्त हुए, उसी क्षण सही अर्थों में आजाद हो गए।”

18.“आसक्ति या लिप्तता ही सारे दुःखों का मूल है।”

Painting Courtesy: Sona

19.“आप अनगिनत अच्छी बातें पढ़ लें, हजारों अच्छी बातें सुन लें और हजार अच्छी बातें बोल लें। क्या फायदा उनका जो आप उन्हें अमल में न लाएं?”

20.“यदि हम सिर्फ एक फूल के अचंभे को पूरी स्पष्टता से देख पाएं तो हमारा पूरा जीवन बदल सकता है।”

Image Courtesy: Rathin Bhowal

21.“हजारों खोखले शब्दों से अच्छा है वह एक शब्द जो आपके मन को शांति से भर दे।”

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